Pension scheme : क्या है अंतर पुरानी और नयी पेंशन स्कीम में, जानें क्यों इसे लागू करने की हो रही है मांग ?

Pension Scheme Details :

दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि हाल ही में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा वित्त! बजट के दौरान पुरानी Pension scheme को बहाल किये जाने को लेकर राज्य! के कर्मचारियों में ख़ुशी का माहौल है! जिसे लेकर प्रतिक्रियाएं भी सामने आ रही हैं ! यानी कि राजस्थान में 2004 के बाद जितने भी कर्मचारियों की नियुक्तियां सरकारी विभागों में हुई हैं! उन्हें पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन का लाभ दिया जाएगा !

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा 15 वीं विधानसभा में राज्य के बजट सत्र 2022-23 की घोषणा! के दौरान राज्य में पुरानी पेंशन योजना को बहाल किया ! अब जितने भी लोग इस दायरे के अंतर्गत आयेंगे उन्हें पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन दी जायेगी !

जबसे सरकार द्वारा पुरानी पेंशन स्कीम को बंद किया गया था तबसे लगातार इसे बहाल किये जाने की मांग! कर्मचारियों द्वारा की जाती रही है ! देखा जाए तो सभी कर्मचारी नयी पेंशन स्कीम से संतुष्ट नहीं थे जिसे देखते हुए राजस्थान सरकार द्वारा! इसे बहाल किये जाने की मंजूरी प्रदेश कर्मचारियों के हित में दे दी गयी है !

यह भी पढ़ें – PPF VS NPS जानिए रिटायरमेंट के समय PPF या NPS में से कौन आपको बनाएगा करोड़पति

पुरानी और नई पेंशन स्कीम में क्या है अंतर ?

अगर आप भी नयी एवं पुरानी पेंशन स्कीम में मुख्य अंतर को समझना चाहते हैं तो आपको एक एक करके नयी! एवं पुरानी पेंशन स्कीम की मुख्य विशेषताओं, फायदों एवं नुकसान को समझना होगा! तभी आप नयी एवं पुरानी पेंशन स्कीम में मुख्य अंतर को समझ पायेंगे ! हमारे द्वारा एक एक करने नयी एवं पुरानी पेंशन स्कीम की सभी मुख्य बातो को आपके सामने लेख! के माध्यम से प्रस्तुत किया जा रहा है जिससे कि आप इन दोनों में मुख्य अंतर को समझ सकें!

पुरानी पेंशन स्कीम (OPS)

दोस्तों जैसा कि आप सभी जानते ही हैं कि पुरानी पेंशन स्कीम के तहत लोगों को जीपीएफ की सुविधा दी जाती थी! कर्मचारी अगर चाहता था तो वह सेवा काल के दौरान विशेष जरुरी परिस्थितियों में इससे निकासी भी कर सकता था! सभी कर्मचारियों को पेंशन के लिए वेतन से एक निश्चित कटौती करानी होती है! जिसके बाद रिटायरमेंट पर निश्चित पेंशन यानी कि अंतिम वेतन का 50 फीसदी हिस्सा! प्रत्येक माह गारंटी पेंशन के रूप में सरकार द्वारा दिया जाता है!

रिटायरमेंट के समय कर्मचारियों को ग्रेच्युटी के रूप में अंतिम वेतन के अनुसार 16.5 माह का वेतन! (अधिकतम 20 लाख रु) दिए जाने का प्रावधान था ! सेवाकाल के दौरान मृत्यु हो जाने पर डेथ ग्रच्युटी की सुविधा भी कर्मचारियों को दी जाती थी! जो सातवें वेतन आयोग ने 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख कर दी! इसके अलावा सेवाकाल में मृत्यु होने पर परिवार के आश्रित! अथवा किसी एक सदस्य को पारिवारिक पेंशन एवं नौकरी की सुविधा भी दिए जाने का प्रावधान है!

बढती हुई महंगाई के असर और वित्तीय बोझ को कम करने के लिए हर छह माह बाद महंगाई भत्ता! दिए जाने का प्रावधान है! बात करें अगर लोन की तो पुरानी पेंशन योजना के तहत जीपीएफ से लोन लेने की सुविधा! भी कर्मचारियों को दी गयी है! जीपीएफ निकासी रिटायरमेंट के समय पर कर्मचारी को कोई आयकर नहीं देना होता है ! रिटायरमेंट हो जाने के बाद भी मेडिकल भत्ता, रिटायरमेंट के बाद मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति होती रहती है!

नई पेंशन स्कीम (NPS)

नयी पेंशन स्कीम के तहत GPF की कोई सुविधा नहीं है! इसके अंतर्गत आपके वेतन से प्रतिमाह 10 फीसदी! की कटौती की जाती है ! निश्चित पेंशन की कोई गारंटी नयी पेंशन स्कीम के तहत लोगों को नहीं है! आपको रिटायरमेंट के समय! कितनी पेंशन मिलेगी यह आपके द्वारा जमा की गयी रकम और शेयर बाजार एवं बीमा! कंपनियों पर निर्भर करेगा!

नई पेंशन बीमा कंपनी देगी! यदि पेंशन मिलने के दौरान पेंशन मिलने में कोई समस्या आती है! तो बीमा कंपनी से ही लड़ना पड़ेगा! रिटायरमेंट के बाद मेडिकल भत्ता बंद, मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति नहीं होगी! पारिवारिक पेंशन खत्म लोन की कोई सुविधा! नहीं (विशेष परिस्थितियों में जटिल प्रक्रिया के बाद ही केवल तीन बार रिफंडेबल लिया जा सकता है) रिटायरमेंट पर अंशदान! की जो 40 फीसद राशि वापस मिलेगी, उस पर आयकर लगेगा! नई पेंशन स्कीम पूरी तरह से! शेयर बाजार पर पर आधारित है जो की अपने आप में जोखिम भरा माना जाता है!

महंगाई व वेतन आयोग का लाभ नहीं मिलेगा! रिटायरमेंट पर मेडिकल भत्ता और मेडिकल बिलों की प्रतिपूर्ति सरकार द्वारा नहीं की जायेगी ! पारिवारिक पेंशन को पूरी तरह ख़तम कर दिया गया है यानी कि नयी पेंशन योजना के अंतर्गत पेंशन! पाने वाले की अगर मृत्यु हो जाती है तो उसके पारिवारिक आश्रित पत्नी को पेंशन का! लाभ नहीं दिया जाएगा ! टोटल कंट्रीब्यूशन का 40% हिस्सा जो कि रिटायरमेंट के समय! कर्मचारी को दिया जाएगा उस पर आयकर लगेगा !

Pointwise Diffrence Between NPS & OPS :

  • सरकारी कोष से पुरानी पेंशन योजना के तहत रिटायर्ड कर्मचारियों को पेंशन दी जाती थी जबकि नयी पेंशन योजना के तहत पेंशन शेयर बाजार और फंड मैनेजर पर आधारित है !
  • GPF की सुविधा आपको पुरानी पेंशन योजना के तहत देखने को मिलती थी जबकि नयी पेंशन स्कीम के तहत GPF की कोई सुविधा नहीं है !
  • बात करें पेंशन अमाउंट की तो पुरानी पेंशन स्कीम के तहत कुल सैलरी का आधार हिस्सा हर माह कर्मचारियों को पेंशन के रूप में दिया जाता था जबकि नयी पेंशन योजना के तहत मिलने वाली पेंशन निर्धारित नहीं रहती है!
  • राज्य कर्मचारियों को प्रतिवर्ष लागू किये जाने वाले इन्क्रीमेंट महंगाई भत्तों और वेतन आयोग का फायदा पुरानी पेंशन! स्कीम के तहत दिया जाता है जबकि नयी पेंशन योजना के तहत ऐसा कोई प्रावधान अलग से नहीं है !
  • सैलरी की कटौती की बात करें तो पुरानी पेंशन योजना के तहत पेंशन के लिए सैलरी से किसी प्रकार की कटौती नहीं करानी पड़ती थी मगर नयी पेंशन योजना के तहत पेंशन के लिए सैलरी से 10 फीसदी की कटौती होती है!

FAQs About New And Old Pension Scheme :

प्रश्न 1. नयी Pension scheme को कब लागू किया गया था ?

उत्तर. नयी पेंशन स्कीम को 2004 में लागू किया गया था !

प्रश्न 2. नयी पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों की सैलरी से कितने प्रतिशत की कटौती की जाती है ?

उत्तर. नयी पेंशन स्कीम के तहत कर्मचारियों की सैलरी से 10 फीसदी की कटौती की जाती है ?

प्रश्न 3. क्या नयी पेंशन स्कीम के अंतर्गत मिलने वाली पेंशन निर्धारित रहती है ?

उत्तर. नहीं नयी पेंशन स्कीम के तहत मिलने वाली पेंशन निर्धारित नहीं रहती है !