Upi से भेजते हैं पैसे तो जान लें लिमिट और तरीका नही तो आएगा इनकम टैक्स का नोटिस

Unified Payment Interface Kya Hai :

UPI Money Transfer Kya Hai Aur Yah Kaise Kaam Karta Hai : जैसा कि आप सभी जानते हैं कि भारतीय मुद्रा प्रणाली और मनी ट्रांसफ़र को लोगों के लिए बेहतर और सुविधाजनक बनाने के लिए रिज़र्व बैंक ऑफ इण्डिया और नेशनल पेमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है! जिससे कि लोगों को बेहतर से बेहतर और सुविधाजनक मनी ट्रांसफर मेथड प्रदान कराये जा सकें!

अगर देखा जाए तो पिछले 10-15 वर्षों में भारतीय मौद्रिक प्रणाली में काफी सुधार हुआ है! अब आप कहीं से भी बड़ी ही आसानी से फंड ट्रांसफर कर सकते हैं! फंड ट्रांसफर,बैंक जाए बिना पैसे भेजने / प्राप्त करने के लिए इलेक्ट्रॉनिक तरीकों की उपलब्धता के साथ काफी सरल हुआ है! भारतीय रिज़र्व बैंक NEFT/RTGS/UPI जैसे फंड ट्रांसफर तरीकों को लॉन्च करने में में सफल रहा है!

UPI को फण्ड ट्रांसफर के सम्बन्ध में सबसे तेज और बेहतरीन लॉन्च मन जाता है जिसने भुगतान को आम लोगों के लिए आसान बना दिया! वर्ष 2016 में UPI या यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस नामक इंस्टेंट फंड ट्रांसफर ’प्रणाली की शुरुआत हुई जिसके बाद से यह तकनीक फण्ड ट्रांसफर का सबसे लोकप्रिय माध्यम बन गयी! तत्काल और रियल टाइम पेमेंट सिस्टम के रूप में इसकी गिनती होती है इस तकनीक को NPCI द्वारा बनाया और लॉन्च किया गया है!

फण्ड ट्रांसफ़र का यह मॉडल IMPS से काफी मिलता-जुलता है! UPI द्वारा किये जाने वाले प्रत्येक ट्रांजेक्शन करने के लिए आपको 4-6 अंकों के UPI-PIN (UPI व्यक्तिगत पहचान संख्या) की आवश्यकता पड़ती है! इसलिए, ग्राहक को अपने UPI- पिन को हमेशा सुरक्षित रखना चाहिए और इसे किसी के साथ साझा नहीं करना चाहिए! वरना आप ठगी का शिकार हो सकते हैं!

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UPI से पैसे भजते और रिसीव करते समय बरतें ये सावधानी :

जैसा कि आप जानते ही हैं कि फण्ड ट्रांसफ़र के सभी माध्यम चाहे वह IMPS हो RTGS हो! या फिर UPI ही क्यों न हों आपके बैंक खाते से लिंक होते हैं! तभी आप फण्ड ट्रांसफ़र की सुविधा का लाभ ले पाते हैं! मगर अगर आप UPI फण्ड ट्रांसफ़र को लेकर सावधानी नहीं बरतते हैं! तो आप भविष्य में काफी मुश्किलों में पड़ सकते हैं!

जी हाँ दरअसल फण्ड ट्रांसफ़र चाहे किसी भी माध्यम से क्यों न किया जाए मगर वह होता! आपके बैंक अकाउंट/खाते से ही है और आपके बैंक खाते से आपका आधार कार्ड और पैन कार्ड लिंक होता है! जिसकी वजह से अगर आप इंडिविजुअल अकाउंट बनाकर लोगों के लिए पैसे भेजने! और पैसे रिसीव करने का काम करते हैं! तो इनकम टैक्स आयकर विभाग इस पैसे को आय में शामिल करता है! और ऐसे में आयकर विभाग की तरफ से ट्रांजेक्शन वैल्यू के अधिक होने! अथवा अधिक हो जाने पर आपको नोटिस जारी किया जा सकता है!

आपको बता दें कि आयकर विभाग द्वारा आयकर चोरी को रोकने के लिए लगातार नियमों को! कठोर और सख्त किया जा रहा है! इस सम्बन्ध में आपको यह पता होना चाहिए कि आप कोई भी फण्ड ट्रांसफ़र करते हैं! अथवा कोई भी फण्ड रिसीव करते हैं वह सब आयकर विभाग और आपकी बैंक की जानकारी में रहता है! एक वर्ष के दौरान अगर आप 10 लाख से अधिक का फण्ड रिसीव करते हैं! तो आयकर विभाग द्वारा आपको नोटिस जारी करके आपसे पैसे का श्रोत पूछा जा सकता है! जिसक आपको जवाब देना पड़ता है!

FAQs About UPI Money Transfer :

प्रश्न 1. यूपीआई ट्रांजेक्शन से जुड़ी शिकायत को कहाँ और कैसे दर्ज किया जाता है ? 

उत्तर: बैंकों के UPI ऐप के माध्यम से सीधे UPI ट्रांजेक्शन के लिए शिकायत कर सकते हैं !

प्रश्न 2. यूपीआई फण्ड ट्रांसफ़र प्रोसीड और सक्सेसफुल न होने के क्या कारण होते हैं ?

उत्तर: यूपीआई ट्रांजेक्शन फेल होने के कई कारण हो सकते हैं मुख्यतः कुछ प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं!

  • नेटवर्क का स्लो अथवा सिस्टम का डाउन होना!
  • गलत UPI पिन को इंटर करना !
  • प्राप्तकर्ता की गलत UPI ID दर्ज करना!

प्रश्न 3. क्या कोई ग्राहक अपने UPI में एक से अधिक बैंक खातों को लिंक कर सकता है?

उत्तर: जी हां संबंधित PSP द्वारा उपलब्ध कराई गई कार्यक्षमता के आधार पर कोई ग्राहक कई बैंक खातों को एक ही UPI से लिंक कर सकता है!

प्रश्न 4. यूपीआई सेवाओं का लाभ लेने के लिए बैंक खाता अनिवार्य है ?

उत्तर. हाँ बैंक खाता धारक ही UPI सेवाओं का लाभ ले सकते हैं!

प्रश्न 5. आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाईट क्या है ?

उत्तर. आयकर विभाग की आधिकारिक वेबसाईट – https://www.incometaxindia.gov.in/ है!