नए नियम के अनुसार मृत्यु प्रमाणपत्र बनवना हुआ आसान
जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए ग्रामीणों को अब हफ्तों -महीनों का इंतजार नहीं करना पड़ेगा
प्रमाणपत्र के लिए न ही ब्लाक व सचिव के चक्कर लगाने पड़ेंगे।
तमाम तरह के सामाजिक, कानूनी और आधिकारिक दायित्वों से मरने वाले व्यक्ति को
मुक्त करने के लिए मृत्यु का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होता है
जन्म एवं मृत्यु रजिस्ट्रेशन एक्ट के मुताबिक जन्म व मृत्यु का रजिस्ट्रेशन वहीं पर हो सकता है, जहां पर यह हुआ हो
नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है अरुन और हम आज की पोस्ट में बात करने वाले कि आप मृत्यु प्रमाणपत्र कैसे बनवाये
दोस्तों अब जन्म और मृत्यु प्रमाणपत्र बनवना काफी सरल हो गया है सरकार ने इसके लिए नये दिशा-निर्देश
जारी कर दिए है ऑनलाइन आवेदन करने के तीन दिन से हफ्ते भर के भीतर जन्म या मृत्यु प्रमाणपत्र बनकर मिल जाएगा।
क्योंकि पंचायतों में तैनात सभी सचिवों को सरकार ने लैपटॉप से लैस कर दिया है
प्रमाणपत्र का आवेदन मिलते ही वह एक दो दिनों में जांच कर रिपोर्ट लगाकर भेज देंगे। इससे तीन दिन से
हफ्ते भर में प्रमाणपत्र जारी हो जाएगा। आवेदनकर्ता जनसुविधा केन्द्र पर जाकर अपना प्रमाणपत्र प्राप्त कर लेगा
मौत के 21 दिन के भीतर इसे रजिस्टर कराना होता है
कानून के मुताबिक मौत के 21 दिन के भीतर इसे रजिस्टर कराना होता है।
इसके लिए केंद्र व राज्य के स्तर पर समुचित उपाय किए गए हैं।
घर पर होने वाली मौत और अस्पताल या किसी अन्य जगह पर हाेने वाली मौत की सूचना देने के
लिए भी जिम्मेदारी तय है। अगर मौत घर पर होती है तो घर का मुखिया या निकटस्थ
रिश्तेदार इसकी सूचना देगा। अस्पताल में मौत पर वहां का डॉक्टर इसकी सूचना देगा।
संबंधित रजिस्टार इस फार्म में दी गई जानकारी का सत्यापन करने के बाद डेथ सर्टिफिकेट जारी कर देता है।
अगर मौत के 21 दिन के भीतर उसे संबंधित रजिस्ट्रार के समक्ष रजिस्टर नहीं कराया जाता है तो
बाद में इसके लिए मजिस्ट्रेट की अनुमति आवश्यक होती है और उसका शुल्क भी देना पड़ता है।
मौत को रजिस्टर कराने के लिए फार्म आसानी से उपलब्ध होता है और इसके लिए मृत्यु का प्रूफ भर देना होता है
इसके अलावा मौत के समय और तिथि के बारे में एक शपथ पत्र भी देना होता है।
मौत के प्रूफ के तौर पर अस्पताल का पत्र अथवा अंतिम संस्कार के बारे में
संबंधित सिविल अधिकारी का पत्र दिया जा सकता है
मृत्यु प्रमाणपत्र क्या है इसकी आवश्यकता क्यों होती है
मृत्यु प्रमाण पत्र एक दस्तावेज होता है जिसे मृत व्यक्ति के निकटतम रिश्तेदारों को जारी किया जाता है,
जिसमें मृत्यु का तारीक तथ्य और मृत्यु के कारण का विवरण होता है। मृत्यु का समय और तारीख का प्रमाण देने,
व्यष्टि को सामाजिक, न्यायिक और सरकारी बाध्यताओं से मुक्त करने के लिए, मृत्यु के तथ्य को प्रमाणित करने
के लिए सम्पत्ति संबंधी धरोहर के विवादों को निपटान करने के लिए और
परिवार को बीमा एवं अन्य लाभ जमा करने के लिए प्राधिकृत करने के लिए मृत्यु का पंजीकरण करना अनिवार्य है
मृत्यु का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन भी किया जा सकता है
मृत्यु का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन भी किया जा सकता है। इसके लिए संबंधित राज्य की वेबसाइट पर जाकर
रजिस्टर करना पड़ता है। अधिकतर राज्यों में यह सुविधा उपलब्ध है, लेकिन इसके बावजूद कुछ जगहों पर प्रक्रिया में
कुछ अंतर हो सकता है। केंद्र सरकार की वेबसाइट http://crsorgi.gov.in पर जाकर भी रजिस्ट्रेशन कराया जा
सकता है। इसके लिए संबंधित फार्म पर जानकारी देनी होती है और सबमिट बटन दबाकर उसे जमा किया जाता है।
एक बार रजिस्ट्रेशन के बाद संबंधित जानकारी का सत्यापन होगा और उसके बाद सर्टिफिकेट जारी कर दिया जाएगा।
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