Unique Land Parcel Identification Number: जाने भू-आधार से किसानों को होंगे कितने फायदे?

Unique Land Parcel Identification Number : दोस्तों आप सभी लोग जानते है की गाँव में काफी विवाद व लड़ाई-झगड़े होते रहते है इसका मुख्य कारण वहाँ की जमीन है इसलिए केंद्र सरकार ने इसका लाइफटाइम सलूशन निकाल लिया है और व्यक्तियों के आधार कार्ड की तर्ज पर जमीन का भी आधार कार्ड बनाया जायेगा |

जमीन के इस आधार कार्ड को भू-आधार कार्ड के नाम से जाना जायेगा जिसमे लोगो की पूरी जमीन का डिजिटली रिकॉर्ड रखा जायेगा,  इससे लोगो की जमीन से जुड़ी बहुत सी समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द हो जायेगा | भू-आधार में जमीन का नक्शा, जिओ टैगिंग, जमीन की लम्बाई-चौड़ाई, मालिकाना हक़ व खरीदने तथा बेचने का पूरा रिकॉर्ड डिजिटली तौर पर रखा जायेगा |

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भू-आधार या विशिष्ट भूमि पार्सल पहचान संख्या (यूएलपीआईएन) प्रणाली को 31 दिसम्बर 2023 तक लगभग 29 राज्यों में लागू कर दिया गया है | भू-आधार प्रणाली को 23 जुलाई 2024 को माननीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा संसद में बजट पेश करके इस प्रणाली को गति प्रदान की  है तथा प्रणाली का जिम्मा राज्य सरकारों को दिया गया है |

भू-आधार क्या है?

Unique Land Parcel Identification Number (ULPIN) सिस्टम हर जमीन के लिए 14 अंकों की अल्फा-न्यूमेरिक यूनिक आईडी है; जो पार्सल के शीर्षों के निर्देशांक(Latitude & Longitude) पर आधरित है | यह निर्देशांक अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर आधारित है, अन्तर्राष्ट्रीय मानको में इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स कोड प्रबंधन एसोसिएशन(ECCMA) व ओपन जियोस्पेशियल कंसोर्टियम (OGC) का पालन करते हुए इस सिस्टम को पूरे देश में लागू किया जा रहा है |

Benefit of Bhu-Aadhar(भू-आधार) 

  • जमीन से जुड़े विवाद व लड़ाई-झगड़े जीवन भर के लिए समाप्त |
  • वर्तमान समय में जमीन के मालिक का नाम व उसका विवरण |
  • खरीदने व बेचने में आसानी |
  • जमीन की सेटेलाइट से जिओटैगिंग |
  • जमीन का आकार Latitude & Longitude में |
  • रियल स्टेट में फायदा |
  • जमीन पर आसानी से लोन मिलना |
  • जमीन का डिजिटल रिकॉर्ड |
  • न्यायालयों में लम्बित जमीनी विवाद का जल्द से जल्द निस्तारण |
  • तहसीलों में जमीन से जुड़े मामलों में हो रहे भ्रष्टाचार को ख़त्म करना |

How to Apply Bhu-Aadhar Card

दोस्तों आपको बता दें की हाल ही में सभी राज्यों में भू-आधार कार्ड के लिए आवेदन प्रारम्भ हो गए है जिसके लिए आपको कहीं भी जाने की जरूरत नहीं है और न ही ऑनलाइन आवेदन कराने की जरूरत है | भू-आधार कार्ड को बनाने के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को आदेश दे दिए है |

इस कार्ड को बनाने के लिए राज्य सरकारें प्रत्येक गाँव में कैंप लगाकर किसानों का डाटा कलेक्ट करेंगी और ड्रोन व सेटलाइट की मदद से आपके भूमि का मापन किया जायेगा, तथा उस डाटा को डिजिटलाइज करके कार्ड के रूप में प्रत्येक व्यक्ति को नि:शुल्क प्रोवाइड किया जायेगा | इस कार्ड को प्रत्येक राज्य अपने अनुसार इसका नाम रख व बदल सकता है |

उतर प्रदेश सरकार ने इस कार्ड पर 1 जुलाई से काम करना प्रारम्भ कर दिया है जिसके चलते यू0पी0 सरकार ने 1 जुलाई से 31 जुलाई तक प्रत्येक गाँव में कैंप लगाकर डाटा कलेक्ट कर रही है |

भू-आधार की पात्रता की शर्ते

भू-आधार कार्ड या Unique Land Parcel Identification Number (ULPIN) प्रत्येक भूमि धारक के लिए जरूरी है व इसके लिए वह पात्र भी है; फिर चाहे उसकी जमीन गाँव में कृषि योग्य हो या प्लाट के रूप में शहरों में हो, भू-आधार कार्ड के लिए दोनों पात्र होंगे |

समबन्धित पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. भू-आधार कार्ड के लिए कैसे अप्लाई करें?
  2. Bhu-Aadhar कार्ड कौन बनवा सकता है?
  3. भू-आधार संख्या कितने अंको का होता है?
  4. भू-आधार और किस नाम से जाना जाता है?