ये कम्पनियां किसानो को देंगी किराये पर ट्रैक्टर, जानिए कैसे

नमस्कार दोस्तों. कोरोना महामारी और लाकडाउन शुरू होने के हफ़्तों बाद प्रवासी मजदूर हफ़्तों के बाद

प्रवाशी मजदूर घर वापस लौटने लगे है. लगभग 1 करोड़ से ज्यादा मजदूर अपने-अपने घर पहुँच चुके है.

किसानों का समर्थन करने की आवश्यकता : सोनालिका निदेशक

कोरोना महामारी के कारण ही दूसरे राज्यों में प्रवासी अपने-अपने घरों को वापस जा रहें है. इसे में कृषि

अर्थव्यवस्था को एक बार फिर से बढाने के लिए ट्रैक्टर निर्माता किराये का रास्ता तलाश रहे है. इस कारण

अब ट्रैक्टर निर्माता महिंद्रा, ट्रैक्टर्स एंड फार्म उपकरण (टैफे) और सोनालिका जो की बढती मांग को

भुनाने की कोशिश कर रहे है. इसका मतलब यह है की अब तक लगभग 65-70 फीसदी जिले

कोरोना मुफ्त है

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मजदूरों के पास ट्रैक्टर खरीदने के लिए पैसों की कमी

 किसानों से म‍िली अच्छी प्रतिक्रिया

महिंद्रा कम्पनी के टैक्टर डिवीज़न अध्यक्ष ने कहा है कि अगर हम किसानो को किराये पर ट्रैक्टर उपलब्ध

कराते है तो फसल की पैदावार में वृद्धि होगी. आजकल ट्रैक्टर डीलरों के माध्यम से खरीदे जाते है. जिसमे

किसानो पूरी रकम का 25-30 फ़ीसदी का हिस्सा देना पड़ता है. अगर आप ट्रैक्टर खरीदने जाते है तो

वहां पर एक ट्रैक्टर की कीमत 6-7 लाख के बीच में होती है. तो फिर आपको लगभग 2 लाख रूपये

जमा करने होते है.

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सोनालिका निदेशक का कहना है कि हमें किसानो को मदद करने की जरूरत

आजकल देश का हर किसान/मजदूर चाहता है कि खेती में अच्छी पैदावार हो और आराम भी रहे,

कुछ उद्दयोग विशेषज्ञों का कहना है. अगर मजदूर बुवाई के लिए घर पर रहेंगे, तो फिर वो नवम्बर,

दिसंबर तक वापस नहीं आयेंगे. सोनालिका समूह के कार्यकारी निदेशक ने कहा है कि हमें परिचालन

लागत और सस्ती कृषि मशीनरी को कम करते हुए कृषि उत्त्पादाकता को आगे बढाने के लिए किसानो

की मदद करने की जरूरत है. इन केन्द्रों में किसानो को उच्च अन्त कृषि मशीनरी किराये पर दिया जाये

और उपकरणों की मरम्मत के लिए भी कृषि मशीनरी क्लीनिक के रूप में भी काम किया जाए.

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इस पहल से किसानो को मिली अच्छी प्रतिक्रिया

इसके साथ ही टैफे(TAIFE) ने कहा है की उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तमिलनाडु आदि में मुफ्त ट्रैक्टर

की योजना शुरू करने के लिए ट्रैक्टरों को किराये पर लेने के लिए कई माडल देख रहे है. इस योजना

को किसानो से अच्छी प्रतिक्रिया मिली है और 60 दिनों में, 1 लाख एकड़ से ज्यादा खेती की गयी है

और लाकडाउन की समय पर छूट के कारण कृषि क्षेत्र बहुत तेजी सकारात्मक क्षेत्र को और बढ़ा है.

विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रैक्टर किराये पर देने के लिए दूसरी छमाही ज्यादा बेहतर होगी. इसके साथ

ही खाद्यान्न की मांग में वृधि होने के कारण ट्रैक्टर कंपनियों के लिए कृषि उपकरण किराए

के बाजार को आगे की ओर बढ़ाएगी.

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