Smart Electricity Meter update
जैसा की आप लोग जानते है! की विजली आज के समय में हमारे लिए बहुत ही जरुरी है! लेकिन आप ये भी जानते है !की विजली की चोरी का काम किसी से छिपा नही है ! आज के समय में ज्यादा तर घरो में विजली की चोरी की जाती है जिससे परिणाम स्वरुप सरकार को विजली विभाग की तरफ से बहुत बड़ा नुकसान होता है !इसी समस्या का हल निकालने के लिए सरकार Smart Electricity Meter लेकर आई है !
इस मीटर की खास बात यह है की इस मीटर में बिजली की चोरी होना संभव नही है इसके साथ साथ इस प्रीपेड मीटर Smart Electricity Meter के लग जाने से बिजली बिल का झंझट खत्म होगा! ग्राहक जितने का रिचार्ज कराएंगे! उतनी बिजली यूज करेंगे! आप 10-15 दिन या कुछ महीनों के लिए बाहर जा रहे हैं !तो आप स्मार्ट मीटर करे ऑफ कर सकते हैं!
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प्रीपेड मीटर क्या है ?
प्रीपेड मीटर ठीक प्रीपेड मोबाइल की तर्ज पर काम करता है मतलब जितना पैसा उतनी बिजली.यद्यपि देश के कुछ हिस्सों में प्रीपेड मीटर का इस्तेमाल पहले से हो रहा है ! जिसे समय पर रिचार्ज करना होता है! केंद्र सरकार के दफ्तरों इंडस्ट्रियल यूनिट्स में प्रीपेड मीटर लगने के बाद इसे देश भर में लागू किया जाएगा ! सभी बिजली उपभोक्ताओं के घरों में प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगा दिए जाएंगे! बिजली मंत्रालय की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक कृषि को छोड़कर सभी जगह प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे !
2025 तक पुरे देश में लगेंगे मीटर
देश के बिजली मंत्रालय ने अपने द्वारा जारी किए गए निर्देश में ये कहा है! की देश के सभी घरो में मार्च 2025 तक prepaid Smart Electricity Meter लगा दिए जायेंगे !इसके साथ साथ निर्देश में ये भी कहा गया है! की वर्ष 202 3 तक राज्य के सभी सरकारी दफ्तरों और सभी ब्लाक लेवल तक Smart Electricity Meter लग जांयेंगे !
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मीटर लगाने का पहला चरण
जारी किए गए नोटिफिकेशन के तहत जहाँ कही भी अर्बन कंज्यूमर यानी शहरी उपभोक्ता 50 परसेंट से अधिक होंगे, इसके साथ साथ AT&C नुकसान 15 परसेंट से ज्यादा होगा! वहां पर 2023 तक स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे! इसके अतिरिक्त अन्य जगहों पर यह 2025 तक यह मीटर लगा दिया जाएगा!
इसमें AT&C का मतलब हुआ-सकल तकनीकी और वाणिज्यिक नुकसान! जो खराब या अपर्याप्त तरह से बिजली की चोरी या बिलों के भुगतान नहीं होने की वजह से होती हैं! इसके अलावा जिन क्षेत्रों में संचार नेटवर्क कमजोर है! या फिर है ही नहीं उन क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति मौजूदा मीटरों के जरिए बहाल रखने को लेकर संबंधित क्षेत्रों में राज्य विनियामक आयोग अंतिम फैसला लेंगे !
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