What Is ETF (ईटीएफ क्या है)
ETF एक्सचेंज ट्रेडेड फंड को कहते हैं ! Exchange Traded Funds Invest एक प्रकार का निवेश है जो कि स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से खरीदा और बेचा जाता है! एक्सचेंज ट्रेडेड फंड म्यूच्यूअल फंड के विपरीत स्टॉक एक्सचेंज में साधारण स्टॉक जैसा कारोबार करते हैं ! एक एक्सचेंज ट्रेडेड फण्ड बिलकुल एक म्यूचुअल फण्ड की तरह ही होता है! सिर्फ फर्क इतना है कि ट्रेडिंग अवधि के दौरान ETF को कभी भी बेचा जा सकता है ! जबकि म्यूचुअल फण्ड के साथ ये बात लागू नहीं होती है ! ETFs आम तौर पर म्यूच्यूअल फंड्स की तुलना में उच्च दैनिक तरलता और कम शुल्क लिए होते हैं! जो व्यक्तिगत निवेशक के लिए आकर्षक विकल्प निवेशकों के लिए प्रस्तुत करते हैं !
ETF की इकाइयां मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज के रजिस्टर्ड ब्रोकर के ज़रिये खरीदी और बेची जाती हैं ! ETF की इकाइयां स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध यानी कि लिस्टेड होती हैं ! एक निवेशक जितनी चाहे उतनी इकाइयां ख़रीद सकता है इकाइयों की ख़रीद पर एक्सचेंज की तरफ से कोई पाबंदी नहीं होती है ! छोटी रकम से भी आप ईटीएफ में निवेश शुरू कर कर सकते हैं! अगर कोई निवेशक निफ्टी में शामिल कंपनियों में निवेश करना चाहता है ! तो उसे इन 50 शेयरों में निवेश करना पड़ेगा ! इसके लिए काफी पैसे की जरूरत होगी!
अगर आप किसी ऐसे ईटीएफ में निवेश करना चाहते हैं, जिसका अंडरलाइंग निफ्टी 50 इंडेक्स है तो आप थोड़े पैसे से भी इस ईटीएफ की यूनिट्स खरीद सकते हैं! इससे आपको निफ्टी50 में शामिल कंपनियों के रिटर्न का फायदा उठाने का मौका मिलेगा! सामान्य शब्दों में कहा जा सकता है कि ETF वो फंड है जो CNXNifty या BSE Sensex आदि के सूचकांक (इंडेक्स) पर नज़र बनाए रखते हैं !
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— etf.com (@etfcom) January 24, 2022
Benefits Of Exchange Traded Funds Investment :
भारत में पिछले कुछ वर्षों के दौरान निवेशकों का ध्यान ई.टी.एफ की ओर आकर्षित हुआ है यह निवेश का एक सुरक्षित माध्यम है ! आज की इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको ई.टी.एफ में निवेश करने के फ़ायदे बताने जा रहे हैं जिससे की अगर आप भी ई.टी.एफ में निवेश करने की सोच रहे हैं तो आप भी ई.टी.एफ के फायदों को आसानी से समझ सकेंगे !
ETF में निवेश के निम्नलिखित लाभ हैं :
- बिलकुल शेयरों की तरह ही ई.टी.एफ ट्रेडिंग स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से होती है जिसकी वजह से इनकी कीमतों पर आसानी से नजर बनाए रखी जा सकती है !
- पारदर्शिता की अगर बात करें तो ई.टी.एफ हर रोज निवेश की जानकारी देते हैं जिससे कि यह निवेश के लिए एक पारदर्शी माध्यम हैं जिस पर निवेशक भरोसा जाता सकते हैं !
- बात करें अगर विक्रय की तो ई.टी.एफ को बेचना आसान है इन्हें आसानी से बेचा जा सकता है !
- किसी ई.टी.एफ में निवेश करके अलग अलग सेक्टर्स में निवेश किया जा सकता है उदाहरण के लिए अगर कोई एक ई.टी.एफ में निवेश करता है तो वह संयुक्त रूप से इसके अंतर्गत आने वाले पूरे पूल पर निवेश करता है !
- आयकर की अगर बात करें तो ETF डेविडेंट पर कोई आयकर नहीं लगता है !
- प्रत्येक ई.टी.एफ. के लिए फण्ड मेनेजर निर्धारित होते हैं जिससे निवेशकों को इनकी खरीददारी और बिकवाली की चिंता नहीं रहती है !
- म्यूचुअल फण्ड की तुलना में ई.टी.एफ. कम खर्च के रेशियो में निवेशकों के लिए एक किफायती निवेश करते हैं!
- एक्सपेंस रेशियो की अगर बात करें तो म्यूचुअल फण्ड स्कीमों की तुलना में ई.टी.एफ एक्सपेंस रेशियो काफी कम होता है ! 0.5% से 1% के बीच का एक्सपेंस रेशियो होता है जो कि काफी कम होता है !
- अगर आप म्यूचुअल फण्ड स्कीम से बाहर निकलते हैं तो आपको एग्जिट लोड देना पड़ता है! जबकि ई.टी.एफ में आपको किसी प्रकार का कोई एग्जिट लोड नहीं देना पड़ता है !
Types Of Exchange Traded Funds :
वर्तमान समय में निवेशकों के पास निवेश करने के लिए काफी सारे विकल्प मौजूद हैं ETF भी उन्ही में से एक है ! सभी निवेशक अपनी जरूरतों और पूर्व निर्धारित वित्तीय लक्ष्यों के अनुसार अपने लिए बेहतर निवेश स्कीम की तलाश में रहते हैं! यहाँ पर हम ETF के प्रकारों के बारे में बताने जा रहे हैं जिससे की आप ETF में निवेश करते समय अपने लिए सही एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स का चयन कर सकें !
1. Gold ETF :
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फण्ड ETF का ही एक प्रकार है जिसके माध्यम से निवेशक इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से एक मार्केट से! सोना ख़रीदकर दूसरे मार्केट में बेच सकते हैं और इसके बदले लाभ कमा सकते हैं ! भारत में गोल्ड ई.टी.एफ. 2007 से प्रचलन में आया था NSE और BSE में ये लगातार एक रेगुलेटेड इंस्ट्रूमेंट बना हुआ है !
मिनिमम 1 ग्राम यूनिट के आधार पर स्टॉक मार्केट में स्टॉक एक्सचेंजों के माध्यम से गोल्ड ई.टी.एफ. का ट्रेड किया जाता है ! अगर बाजार में सोने की कीमतों में उतार चढ़ाव आता है तो उसका सीधा असर गोल्ड ई.टी.एफ पर भी पड़ता है और उसी आधार पर इनकी कीमतें निर्धारित की जाती हैं !
2. Index ETF :
इंडेक्स फण्ड ई.टी.एफ. वह ई.टी.एफ हैं जो कि किसी विशेष इंडेक्स को फॉलो करते हैं ! उदाहरण के लिए NIFTY भारत की 50 बड़ी कंपनियों से मिलकर बना है अब अगर NIFTY 50 का कोई ई.टी.एफ.है तो वह NIFTY के अंतर्गत आने वाली उन्हीं 50 कंपनियों के पूल से मिलकर बना होगा !
इंडेक्स फण्ड ई.टी.एफ का मुख्य उद्देश्य किसी विशेष इंडेक्स की परफोर्मेंस को ट्रैक करना यानी कि अनुसरण करना होता है ! उदाहरण के लिए SENSEX, Bank NIFTY, NIFTY 50 अब अगर कोई निवेशक Bank NIFTY का अगर ETF ख़रीदकर निवेश कर रहा है तो इसका मतलब यह हुआ की वह Bank NIFTY के पूल में निवेश कर रहा है!
3. Bond ETF :
बांड ई.टी.एफ को बांड म्यूचुअल फण्ड की सहायता से आसानी से समझा जा सकता है! Bond ETF का पोर्टफोलियो बांड्स से मिलकर बना होता है ! इसके अंतर्गत निवेश से पहले आपको इनके इंटरेस्ट रेट पर जरुर ध्यान देना चाहिए !ऐसे बांड ई.टी.एफ. जिनमें ब्याज दर कम हो उसमें निवेश करना ज्यादा लाभ देने वाला नहीं होता है !
एक्सचेंजों पर एक स्टॉक की तरह ट्रेड किये जाने की वजह से निवेशकों द्वारा बांड ई.टी.एफ में आसानी से निवेश किया जा सकता है ! ऐसे बांड ई.टी.एफ जिनमें ब्याज दर अधिक होती है निवेशकों को ज्यादा फायदा !पहुंचाते हैं उदाहरण के लिए LIC Nomura AMC एक प्रकार का बांड ई.टी.एफ है !
4. Sector ETF :
सेक्टर ई.टी.एफ. ऐसे फण्ड हैं जो कि किसी विशेष सेक्टर से सम्बन्ध रखते हैं यानी कि ! सेक्टर ETF किसी विशेष सेक्टर या इंडस्ट्री के स्टॉक व सिक्योरिटीज से मिलकर बना होता है ! जैसे कि ऑटो सेक्टर बैंकिंग सेक्टर फार्मा सेक्टर निवेशकों द्वारा किसी सेक्टर की तेजी का फायदा उठाने के लिए सेक्टर ETF में निवेश किया जा सकता है !
सेक्टर ETF का उदाहरण Nippon India ETF Bank BeES एक प्रकार का सेक्टर ई.टी.एफ है ! सेक्टर ETF बाजार की तेजी के समय काफी ज्यादा लाभ देने वाला होता है !क्योंकी इस दौरान कम्पनियाँ तेजी से मार्केट में ग्रो करती हैं !
5. Currency ETF :
करेंसी ETF ऐसे ETF होते हैं जो कि अपने निवेशकों को किसी फॉरेन करेंसी अथवा करेंसी के पूल में निवेश की सुविधा देते हैं ! कहने का अर्थ यह है की करेंसी ETF अपने निवेशकों को करेंसी में निवेश का विकल्प देता है !
करेंसी ETF एक प्रकार का
6. Real State ETF :
रियल स्टेट ई.टी.एफ अपनी एसेट्स को रियल स्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट में निवेश करते हैं और उनसे सम्बंधित डेरिवेटिवस में निवेश करते हैं ! निवेशकों को रिटर्न के मामले में यह काफी ज्यादा लाभ देते हैं ! निवेशक अगर चाहें तो वह बिना किसी प्रॉपर्टी को खरीदे ही अपना पैसा इस प्रकार के ETF में लगा सकते हैं और उनसे अच्छा ख़ासा लाभ प्राप्त कर सकते हैं !
जमा किये गए पैसों के अनुपात में निवेशकों को उनके द्वारा खरीदे गए ETF के बदले यूनिट्स मिलते हैं !जो कि स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्टेड रहते हैं ! इसके नियमों के अनुसार रीट की 90 फीसदी टैक्स योग्य आय को निवेशकों में डेवीडेंट के रूप में बांटा जाता है ! रियल स्टेट फण्ड मैनेजर द्वारा पैसा ऐसी संपत्तियों में लगाया जाता है जिसमें किराए से आय अधिक हो ! एक यूनिट ख़रीदने से भी रियल स्टेट ETF में निवेश शुरू किया जा सकता है !
ई.टी.एफ की मुख्य विशेषताएं क्या हैं ?
- एक प्रकार से एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स एक सिक्योरिटी फण्ड होते है जिसमें स्टॉक्स और सिक्योरिटीज का! कलेक्शन होता है ! जो किसी विशेष index या सेक्टर के होते हैं!
- तुलनात्मक रूप में ETF बिल्कुल म्यूचुअल फंड की तरह ही होते हैं! हालांकि यह एक्सचेंज पर दिनभर ट्रेड करते हैं और इनका मूल्य लगातार घटता-बढ़ता रहता है!
- किसी ETF में कई प्रकार की इन्वेस्टमेंट हो सकती है जैसे Stocks, Bonds, Commodities ! पैसिव फंड्स होने के कारण इनमे बहुत कम एक्सपेंस रेशों होता है, जो इनके रिटर्न्स को ओर बढ़ा देते हैं !
- शेयर बाजार में इसकी ख़रीद फरोख्त होने से इसकी कीमत रियल टाइम होती है !
- पोर्टफोलियो के आधार पर ETF के अंतर्गत काफी सारी प्रतिभूतियां होती हैं !
- लंबे समय में ज्यादा लाभ देने के लिए भी ETF फंड्स को जाना जाता है !
- जब आप शेयर/ETF की इकाई खरीदते हैं, आप उस पोर्टफोलियो के शेयर/इकाई खरीद रहे हैं जो अपने मूल सूचकांक की प्राप्ति और लाभ पर नज़र रखे हुए है!
- मुख्यतः ETFs और दूसरे किस्म की सूचकांक फंड में मुख्यतः जो फर्क है वो यह कि ETFs अपने समान सूचकांक को मात देने की कोशिश नहीं करते, सिर्फ उसके प्रदर्शन को दोहराते मात्र हैं ! वो बाज़ार को पराजित करने की कोशिश नहीं करते, वो बाज़ार को बनाने की कोशिश करते हैं!
ETF पर Taxation का क्या प्रावधान है ?
वित्तीय वर्ष 2021 से ETF को आयकर के दायरे में शामिल कर लिया गया है ! जिसके तहत अब ETF पर मिलने वाला डेवीडेंट निवेशक की ! वार्षिक आय से जुड़ जाएगा जिस पर उसे आयकर देना होगा ! आयकर विभाग द्वारा ETF के अंतर्गत टैक्सशेशन का प्रावधान कुछ इस प्रकार से है !
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Exchange Traded Funds Investment Parameters :
- एक्सचेंज ट्रेड फण्ड में इक्विटीज की बजाय सभी एसेट क्लासेज शामिल होने चाहिए !
- निवेशकों को ETF को चुनते समय अथवा निवेश करने से पहले निवेशकों को L4U स्ट्रेटजी पर भरोसा रखना चाहिए-
- Liquidity, Low Expense Ratio, लिक्विडिटी, लो एक्सपेंस रेशियो, लो इंपैक्ट कॉस्ट, लो ट्रैकिंग एरर और अंडरलाइंग सिक्योरिटीज !
- लिक्विडिटी से निवेशकों को स्टॉक एक्सचेंज पर ईटीएफ की खरीद या बिक्री करने में आसानी होती है ! लिक्विडिटी का मतलब है कि एक्सचेंजों पर ईटीएफ की पर्याप्त ट्रेडिंग वॉल्यूम होनी चाहिए !
- आमतौर पर ईटीएफ के एक्सपेंस रेशियो एक्टिव फंड्स की तुलना में कम होते हैं लेकिन निवेशकों को विभिन्न ईटीएफ के एक्सपेंस रेशियो की आपस में तुलना जरूर करनी चाहिए क्योंकि यह ओवरऑल रिटर्न को प्रभावित करता है!
- इंपैक्ट कॉस्ट एक्सचेंज पर ट्रांजैक्शन को लेकर इनडायरेक्ट कॉस्ट है! लिक्विडिटी अधिक होने पर इंपैक्ट कॉस्ट कम होता है और इस प्रकार निवेशकों को इनडायरेक्ट टैक्स कम चुकाना पड़ेगा!
- किसी भी ईटीएफ को चुनते समय लो ट्रैकिंग एरर महत्वपूर्ण फैक्टर है! इससे इंडेक्स की तुलना में मिलने वाले रिटर्न का अंतर कम करने में मदद मिलती है! अंडरलाइंग सिक्योरिटीज के मुताबिक 0-2 फीसदी का ट्रैकिंग एरर आदर्श माना जाता है!
- किसी ईटीएफ का चुनाव करते सबसे महत्वपूर्ण पैरामीटर अंडरलाइंग सिक्योरिटीज है क्योंकि रिटर्न इसी के परफॉरमेंस पर निर्भर होता है!
FAQs About Exchange Traded Fund Investment
प्रश्न 1. क्या ई.टी.एफ. का वैल्यूएशन NAV के आधार पर किया जाता है ?
उत्तर. नहीं म्यूचुअल फंड्स की वैल्यू ट्रेडिंग ट्रेडिंग डे के अंत में NAV के आधार पर निकाली जाती है! जबकि ETF के साथ ऐसा नहीं है ETF का मूल्य ट्रेडिंग सेशन के दौरान लगातार बदलता रहता है !
प्रश्न 2. ई.टी.एफ. कैसे ख़रीद सकते हैं ?
उत्तर. स्टॉक ब्रोकर के माध्यम से आप ETF को ख़रीद सकते हैं इसके अलावा वर्तमान में काफी सारी ! ट्रेडिंग एप्लीकेशनस आ गयी हैं जिनकी सहायता से आप ऑनलाइन ही ETF ख़रीद सकते हैं !
प्रश्न 3. क्या एक ई.टी.एफ. स्टॉक्स, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट, बांड्स, करेंसी, और सिक्योरिटीज से मिलकर बना हो सकता है ?
उत्तर. जी हाँ एक ETF स्टॉक्स, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट,बांड्स, करेंसी, सिक्योरिटीज से मिलकर बना हो सकता है !
प्रश्न 4. क्या ई.टी.एफ. में एक्सपेंस रेशियो कम होता है ?
उत्तर. हाँ ETF में म्यूचुअल फंड्स की तुलना में एक्सपेंस रेशियो काफी कम होता है !
प्रश्न 5. भारत में पहला ETF फण्ड कब लॉन्च किया गया था ?
उत्तर. भारत में निवेश के लिए पहला ETF फण्ड वर्ष 2001 में बेंच मार्क म्यूचुअल फण्ड द्वारा NIFTY ETF फण्ड के तौर पर लॉन्च किया गया था !
FAQs About Exchange Traded Fund Investment
प्रश्न 6. क्या ETF के अंतर्गत छोटी रकम से निवेश शुरू किया जा सकता है ?
उत्तर. हाँ ETF के अंतर्गत छोटी रकम से निवेश शुरू किया जा सकता है !
प्रश्न 7. क्या अंतर्राष्ट्रीय स्तर के ETF में निवेश करना अधिक लाभप्रद होता है ?
उत्तर. हाँ क्योंकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर किये गए ETF इन्वेस्टमेंट के अंतर्गत वर्ल्डवाइड पूल की ! कम्पनियाँ शामिल होती हैं जिससे अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है !
प्रश्न 8. REIT की आय का मुख्य स्तोत्र क्या है ?
उत्तर. REIT की आय का मुख्य स्तोत्र मालिकाना हक़ वाली संपत्तियों और कुछ हद तक इनसे मिलने वाली! किराए की आय से प्राप्त होती है !
प्रश्न 9. REIT बाजार किसके द्वारा रेगुलेट किया जाता है ?
उत्तर. REIT बाजार नियामक SEBI द्वारा रेगुलेट किया जाता है !
प्रश्न 10. भारत बांड ETF क्या है ?
उत्तर. भारत बांड ETF ई.टी.एफ. और म्यूचुअल फण्ड का संयुक्त मिश्रण है ! यह देश का सबसे सस्ता म्यूचुअल फण्ड उत्पाद है जिसकी लागत काफी कम है !