नए तरीके से हो रही है डाटा चोरी तेजी से बढ़ रहा साइबर क्राइम

नए तरीके से हो रही है डाटा चोरी तेजी से बढ़ रहा साइबर क्राइम

नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है अरुन और आज की पोस्ट में हम साइबर क्राइम के बारे में बात करने वाले है दोस्तों देश में
साइबर क्राइम की बढती घटनाओं को देखते हुए इससे निपटने के तरीकों पर ज्यादा तेजी से का करने की जरूरत है।
एक नई रिसर्च रिपोर्ट के अनुसार, देशभर में डिजिटल तकनीकों को बढ़ाने के साथ-साथ अधिकारियों को केंद्र और
राज्य स्तरों पर कानून प्रवर्तन एजेंसियों के आधुनिकीकरण में तेजी लानी चाहिए। यहां आज हम आपको ऐसे ही कुछ
साइबर थ्रेड्स के बारे में बताने जा रहे हैं जो इन दिनों काफी तेजी से उभर रहे हैं और जिनसे आपको बहुत सतर्क रहने की जरूरत है

ATM अटैक: जैकपॉटिंग के द्वारा cyber crime in india

ऑटोमैटिक टेलर मशीन (ATMs) के जरिए किए जाने वाले फर्जीवाड़े में जैकपॉटिंग सबसे ज्यादा प्रभावशाली
और साइबर क्राइम की दुनिया में एक नए एंट्री है। इसके तहत एटीएम मशीन को मैलिशियस सॉफ्वेयर के जरिए
प्रभावित किया जाता है। इस तरह के साइबर अटैक में सबसे पहले एक इंटरफेस पोर्टल के माध्यम से यूएसबी पर
एटीएम में मैलवेयर का ट्रांसफर किया जाता है। ऐसे में हैकर्स की सहभागिता भी कम होती है और काम को
भी आसानी से अंजाम दे दिया जाता है।

In this way, the hackers mine crypto currency using the power of your smartphone or compute

Crypto Jacking, cyber crime in india

साल 2018 में Crypto Jacking में काफी बढ़ोतरी देखने को मिली। Crypto Jacking से किसी भी अनजान
शख्स के कंप्यूटर डेटा तक गैरकानूनी तरीके से पहुंचा जा सकता है। रैंसमवेयर, मैलवेयर का ही एक दूसरा रूप है।
यह पहले तो यूजर की फाइलों या डिवाइसों को लॉक कर देता है। उसके बाद उनकी ही फाइलों और डिवाइसों का

cyber crime in india

फिर से एक्सेस देने के लिए गुमनाम तरीके से पैसे मांगता है। क्विक हील के मुताबिक, एक मिनट में औसतन 14 बार
तक रैंसमवेयर के हमले की रिपोर्ट मिली थी। इससे पता चलता है कि साइबर हमले का खतरा लगातार बढ़ रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, मोबाइल डिवाइसेज में सेंध और Crypto Jacking के मामलों में भी इजाफा हुआ है।
साल 2019 में इसका खतरा और तेजी से बढ़ने की संभावना है।

Use to Artificial intelligence, cyber crime in india

आज के समय में Artificial intelligence का इस्तेमाल तेजी से हो रहा है। हैकर्स भी AI- पावर्ड
मैलवेयर के जरिए ऑर्गनाइजेशन्स के सिस्टम को प्रभावित करने में सक्षम हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस ऐसे कंप्यूटर
, कंप्यूटर कंट्रोल रोबोट, या सॉफ़्टवेयर बनाने का एक तरीका है जो समझदारी से सोच सकते है,
जिस तरह बुद्धिमान इंसान सोचते हैं।सिस्टम में जाने के बाद इन मैलवेयर को डिटेक्ट करना
भी काफी मुश्किल होता है और कई बार ये अनडिटेक्टेबल होते हैं। देखते ही देखते ये मैलवेयर
ऑर्गनाइजेशन के सिस्टम में मौजूद महत्वपूर्ण डेटा को इकट्ठा कर लेते हैं जिसका मिसयूज किया जाता है।

Formjacking Hackers,cyber crime in india

अब हैकर एक-एक व्यक्ति के डाटा को हैक करने की जगह दुनियाभर की रिटेल वेबसाइट को निशाना बना रहे हैं।
प्रभावित वेबसाइट्स पर कस्टमर जैसे ही कार्ड और पर्सनल डिटेल सबमिट करता है, उसकी एक कॉपी हैकर के
पास पहुंच जाती है। इसे फॉर्मजैकिंग (Formjacking) नाम दिया गया है। यानी शॉपिंग के लिए अपनी
डिटेल फॉर्म में भरते समय होने वाली हैकिंग।ई-कॉमर्स वेबसाइट या फिर किसी भी दूसरी वेबसाइट के पेमेंट

Formjacking Hackers

प्लैटफॉर्म से यूजर्स के क्रेडिट कार्ड की डीटेल या फिर अन्य जानकारी चुराने के लिए मैलिशियस जावास्क्रिप्ट
कोड के इस्तेमाल को फॉर्म जैकिंग के तौर पर जाना जाता है। 2018 के अगस्त महीने के बाद से इसमें तेजी से
वृद्धि देखने को मिली है। पिछले साल करीब 50,000 रिटेलर वेबसाइटों से छेड़छाड़ की गई थी। मोटे तौर पर
देखें तो दुनिया भर में हर महीने करीब 4,800 यूनीक वेबसाइट्स पर फॉर्मजैकिंग कोड अटैक होता है।
2018 के आखिर तक Symantec ने करीब 3,70,000 फॉर्मजैकिंग अटैक्स को ब्लॉक किया है।

Ransom hack

दोस्तों हाल ही में एक नए तरीके का साइबर अटैक देखने को मिला है जिसका नाम Ransom hack है।
ट्रेडिशनल रैंसमवेयर अटैक में जहां फिरौती वसूलने तक आपको डेटा का ऐक्सेस नहीं दिया जाता,
वहीं रैंसम हैक में भुगतान के बाद भी आपका डेटा जारी नहीं किया जाता।A new type of
cyberattack called a ransom hack has been observed in recent times.

किसे किया जा रहा टारगेट

वैश्विक स्तर पर होने वाले ज्यादातर साइबर अटैक्स में बुजुर्गों, महिलाओं व कम पढ़े-लिखे लोगों को अपना
टारगेट बनाया जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि उन्हें सिक्यॉरिटी हैक्स की जानकारी कम होती है।

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